Author: ramanand8766@gmail.com

  • सऊदी फुटबॉल की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता

    सऊदी फुटबॉल की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता

    सऊदी फुटबॉल और दो दिग्गज क्लब

    फुटबॉल दुनिया का सबसे लोकप्रिय खेलो में से एक है। सऊदी अरब फुटबॉल  दुनिया में एक महत्पूर्ण देश है।यहां की Saudi Pro League (SPL) आज दुनिया की टॉप लीग्स में गिनी जाती है, बड़े बड़े देशो के सुपरस्टार खिलाड़ी भी खेल रहे है, जिसमे यूरोप और लैटिन व अमेरिका के खिलाडी सामिल  है। सऊदी फुटबॉल में दो सबसे चर्चित नाम है। अल-नस्र क्लब, रियाद और दूसरा है अल-अहली क्लब, जेद्दा है, दोनों टीमों के बीच होने वाला मुकाबलाएक खेल नहीं बल्कि फुटबॉल का त्योहार माना जाता है। जब दोनों टीम एक पीच में खेलते है, तो पूरा सऊदी अरब देश और दुनिया भर के फुटबॉल इस खेल को देखने के लिए टीवी  के सामने सब एक जुट हो जाते है जिस प्रकार भारत में क्रिकेट को बड़े जूनून से देखते है  जैसे IPL व  भारत vs पाकिस्तान क्रिकेट मैच।

    सऊदी फुटबॉल दिग्गज क्लब

    Al-Nassr FC का इतिहास और सफर

    स्थापना: 1955
    स्थान: रियाद (सऊदी अरब की राजधानी)
    स्टेडियम: अल-अवल पार्क (पहले Mrsool Park)
    टीम के रंग: पीला और नीला

    शुरुवात

    Al-Nassr क्लब की शुरुआत 1955 में हुई थी। रियाद शहर के नोजवानो में मील कर यह क्लब की सुरुवात की । धीरे-धीरे यह खेल स्थानीय स्तर ,राष्ट्रीय और एशियाई स्तर पर अपना स्थान बनाया ।

     

    2023 के बाद आधुनिक युग

    Al-Nassr ने इतिहास रच दिया 2023  में , सऊदी फुटबाल की जगत में दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने जब क्लब जॉइन किया लाखों-करोड़ों अरबो फैंस उन देखने को बीड़ जुटने लगे Al-Nassr के मैच देखने को इसके साथ ही सादियो माने, ब्रोज़ोविच, एरिक लमेल्ला जैसे बड़े खिलाड़ी को अपने टीम में शामिल  किये यह क्लब एशिया ही नहीं बल्कि दुनिया की टॉप सऊदी फुटबॉल क्लब्स की लिस्ट में गिना जाने लगा

    उपलब्धियां

    • 9 बार सऊदी प्रो लीग चैंपियन
    • 6 बार किंग्स कप विजेता
    • 3 बार क्राउन प्रिंस कप
    • AFC चैंपियंस लीग में कई बार शानदार प्रदर्शन
    उपलब्धियां
  • जसविंदर भल्ला

    जसविंदर भल्ला

    जसविंदर भल्ला की मृत्यु : पंजाबी सिनेमा  में गुमनाम हुए

    पंजाबी सिनेमा के जसविंदर भल्ला हास्य  कलाकार जसविंदर भल्ला का नाम सुनते ही लोगो के चेहरे पे मुसकान ओर खुशी आ जाती है। वह अपनी करियर में वह बहुत नाम कमाया , वह कॉमेडी से लोगो को हँसा हँसा के लोटपोट कर देते थे । 22 अगस्त 2025 को   एक खबर सुनते ही पंजम और फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई।

    बीमारी के आख़िरी दिन

    जसविंदर भल्ला  कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे ,उन्हें ब्रेन स्ट्रोक (मस्तिष्काघात) की समस्या हुई, आनन् फानन में उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उनकी समस्या को देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर और कार्डियो-सपोर्टिव दवाओं पर रखा। न्यूरोसर्जरी टीम  के देखा रेख में थे , ICU (गहन चिकित्सा कक्ष) में रखा गया था। डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद भी डॉकटर उन्हें बचा नहीं पाये और उनकी 22 अगस्त 2025 की सुबह लगभग 4:35 AM बजे अस्पताल में निधन हो गया है। वे उस समय 65 वर्ष के थे।

    जसविंदर भल्ला हास्य कलाकार

    जसविंदर भल्ला : पंजाबी हास्य का चमकता सितारा थे

    भारतीय सिनेमा  की दुनिया में पंजाबी कलाकार का एक अलग ही स्थान है जब जब कॉमेडी फिल्म की बात होती थी तो जसविंदर भल्ला का नाम सबसे पहले आता है।

    जीवन और शिक्षा

    जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को पंजाब के लुधियाना जिले के एक छोटे से गाँव (बलोके) में हुआ। उनके पिता का नाम मास्टर बहादुर सिंह भल्ला था वह एक शिक्षक थे , वह किसान परिवार से आते थे जसविंदर बेहद होशियार और सभी से मील जुल के रहते थे उन्होने अपनी शिक्षा गांव से शुरू की फिर फिर लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से B.Sc Agriculture की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने Punjab Agricultural University (PAU), लुधियाना से M.Sc और Ph.D (Plant Breeding) पूरी की।पढ़ाई के दौरान ही वे मंच पर हास्य , जोक्स, चुटकुले में भाग लेने लगे , धिरे धिरे उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गही , और आम जनता उने पसंद करने लगे जसविंदर भल्ला  अपनी कैरियर की शुरुवात 1980 में किये ,उन्होंने यूनिवर्सिटी स्तर पर हास्य-प्रस्तुतियाँ देनी शुरू कीं , लोकप्रियता बढ़ती चली गही उने  रेडियो और टीवी कार्यक्रमों में भी बुलाया जाने लगा।

    जीवन और शिक्षा

    पंजाबी फिल्मों

    अपनी फिल्म में समाज की छोटी-छोटी कमियों को बहुत ही हास्यास्पद अंदाज में पेश करते थे। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1988 में पंजाबी फिल्म “दुःख भंजनी तेरा नाम” से की । असली पहचान कॉमेडी रोल्स से मिली।

    उन्होंने 70 से ज्यादा पंजाबी फिल्मों में काम किया है, जिनमें कई सुपरहिट रही हैं –

    • कैरी ऑन जट्टा (2012)
    • कैरी ऑन जट्टा 2 (2018)
    • व्यार तो प्यार (2001)
    • मेल करा दे रब्बा (2010)
    • पावर कट (2012) (जसपाल भट्टी के साथ)
    • भाजी इन प्रॉब्लम (2013)
    • लक्की दी अनलकी स्टोरी (2013)
    • जट्ट एंड जूलियट (2012, 2013)
    • वड्ढा नंबर 1 (2010)

    इन फिल्मों में उनके हास्यपद किरदार और संवाद आज भी दर्शकों की जुबान पर हैं।

  • मोनोरेल

    मोनोरेल

    मोनोरेल एक प्रकार की शहरी जीवन  परिवहन (Urban Transport) प्रणाली है, जिसमें ट्रेन  एक पटरी पर चलती है।

    यह आमतौर पर ऊँचाई पर बने ट्रैक या कभी-कभी जमीन पर या जमीन के अंदर  बने ट्रैक पर चलती है।

    👉 मुख्य विशेषताएँ:

      1. ✅ एक ही पटरी पर चलती है – सामान्य ट्रेनों की तरह दो पटरियों की ज़रूरत नहीं होती।

      1. ✅ ज्यादातर Elevated होती है – ताकि ज़मीन पर ट्रैफ़िक बाधित न हो।

      1. ✅ शहरों में उपयोगी – खासकर भीड़-भाड़ वाले महानगरों में।

      1. ✅ कम जगह लेती है – चौड़े मेट्रो ट्रैक की बजाय छोटे ट्रैक पर काम करती है।

      1. ✅ इको-फ्रेंडली – बिजली से चलती है, प्रदूषण कम होता है।

      1. ✅ यात्रा तेज़ और आरामदायक – सामान्य बस या ऑटो की तुलना में तेज़।

    मोनोरेल के फायदे:

    •             ट्रैफ़िक जाम की समस्या से छुटकारा ।

    •             ज़मीन पर कम जगह लेती है।

    •             शोर और प्रदूषण कम होता है।

    •             मोनोरेल टूरिस्ट आकर्षण के रूप में होता  है।

    भारत में मोनोरेल:

    •             भारत में पहली मोनोरेल 01 फरवरी 2014 को मुंबई में शुरू हुई।

    •             इसका रूट चेंबूर से वडाला डिपो (8.9 किमी) तक था। और फिर

    वाडाला से संत गाडगे  महाराज चौक तक है।

    • इसकी कुल लंबाई 20.5 किमी है।

    मोनोरेल क्या है?

    एक ऐसी रेल परिवहन सेवा  है एक ही पटरी पर चलती है।  इसमें  दो पटरियाँ नहीं होतीं, बल्कि पूरा ट्रेन का ढाँचा एक ही बीम या पटरी पर चलता है।

    ज्यादातर  ऊँचाई  पर बनाए जाते हैं, ताकि नीचे का ज़मीनी ट्रैफ़िक से  प्रभावित न हो।   भीड़ भाड़ से बचा जा सके,  पैदल चलने वालो को भीड़ भाड़ से राहत मील सके।

     इतिहास

    मोनोरेल का  प्रारंभिक प्रयोग 1820 के दशक में यूरोप में हुआ था। शुरुआती समय में यह छोटे-छोटे मालवाहक और  यातायात साधन के रूप में इस्तेमाल होती थी।

      • धीरे-धीरे जापान, चीन, अमेरिका, कोरिया और भारत जैसे देशों ने इसे अपनाया।

      • आज के समय में जापान (Tokyo Monorail) और चीन (Chongqing Monorail) दुनिया की सबसे लंबी और सफल मोनोरेल प्रणालियाँ हैं।

     मुख्य विशेषताएँ

      1.  एक ही पटरी पर चलती है – पारंपरिक ट्रेन और मेट्रो से अलग।

      1.  ज्यादातर Elevated System – ताकि ज़मीन पर ट्रैफ़िक जाम न हो।

      1.  इलेक्ट्रिक सिस्टम – जिससे प्रदूषण नहीं होता।

      1.  कम जगह में निर्माण – चौड़े मेट्रो ट्रैक की तुलना में बहुत कम जगह लेती है।

      1.  आरामदायक और तेज़ यात्रा – भीड़ से दूर और सुविधाजनक।

      1.  कम शोर – रबर टायर और इलेक्ट्रिक इंजन की वजह से।

      1.  पर्यावरण के अनुकूल – ईंधन की खपत नहीं, धुआँ नहीं।

    मोनोरेल का भविष्य

    शहरी जीवन को  और भी  तेज़ रफ़्तार  देने का काम करती है धीरे -धीरे  मोनोरेल की उपयोगिता और बढ़ेगी।

    •     छोटे और भीड़-भाड़ वाले शहरों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।

    •     पर्यावरण  को प्रदूषण  से बचाने में मदद  है  ।

    •     भारत  देशों में यह भविष्य में सस्ती औरसुविधा ट्रांसपोर्ट प्रणाली बन सकती है।

  • अर्जुन तेंदुलकर

    अर्जुन तेंदुलकर

    अर्जुन तेंदुलकर एक खिलाड़ी हैं जो भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं क्रिकेटर जगत के भगवन कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं। उनका जन्म मुंबई, महाराष्ट्र में 24 सितंबर 1999 को मुंबई हुआ वह बाएं हाथ से खेलने वाले खिलाड़ी हैं वह तेज गेंदबाजी जो बाएं हाथ सेकरते ।


    अर्जुन तेंदुलकर IPL में मुंबई इंडियंस टीम की ओर से 2023 में खिलाड़ी रहे थे वह बचपन से ही क्रिकेट में रूचि रखते थे और एक बड़ा खिलाड़ी बनना चाहते थे जिससे भारत देश का नाम रोशन कर सके , धिरे धिरे ट्रेनिंग ली और अपने जूनिय के साथ अंडर-19 टूर्नामेंट में भाग लिये ।


    व्यक्तिगत जानकारी
    • पूरा नाम: अर्जुन सचिन तेंदुलकर
    • पिता : सचिन तेंदुलकर
    • जन्म: 24 सितंबर 1999, मुंबई
    • खेल- बाएं हाथ से तेज गेंदबाज और बल्लेबाज


    अर्जुन तेंदुलकर अपनी शिक्षा मुंबई से की , अर्जुन तेंदुलकर मुंबई में रहते हुए अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19 और अंडर-23 टीमों में खेलते हुए, अपनी कैरीयर की सुरुवात की, 2018 में श्रीलंका के खिलाफ अंडर-19 में खेल चुके है अधिक खेलने के अवसर मिलें इसलिये गोवा टीम में 2022 में शामिल हो गए जिससे अदिक से अदिक खेलने का मौका मिल सके , अर्जुन तेंदुलकर को ₹20 लाख में मुंबई इंडियंस IPL में शामिल हो गए । (2023–2025 तक कुल 5 मैच खेले , 3 विकेट लिए , स्ट्राइक रेट 144.44 , औसतन 38.00 की औसत और 9.36 की , बल्लेबाज़ी में 13 रन ।


    एक निजी समारोह में अर्जुन तेंदुलकर ने सानिया चंदोक से सगाई की अर्जुन तेंदुलकर और सानिया चंदोक की सगाई की जानकारी उनके परिवार वाले अभी तक आधिकारिक बयान नहीं दिया है अर्जुन तेंदुलकर वर्तमान में अपने पिता सचिन तेंदुलकर के साथ मुंबई में रहे हैं।


    सानिया चंदोक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं सानिया चंदोक दिल्ली की रहने वाली हैं एक पालतू जानवरों स्किनकेयर ब्रांड “Mr. PAWS” की संस्थापक और सीईओ हैं सानिया चंदोक ITC जैसे कई लक्ज़री होटल प्रोजेक्ट्स के साथ काम करती है शिक्षा: फैशन और बिज़नेस मैनेजमेंट की है पालतू कुत्तों और बिल्लियों में होने वाले स्किन व हेल्थ की समस्या का समाधान के लिए प्रोडक्ट व सुझाव बी देती है

    व्यक्तिगत जानकारी

    घरेलू करियर आँकड़े (जैवस्रोत: ESPNcricinfo, November 2024)

    First-class (FC) किस प्रकार के खिलाड़ी हैं अर्जुन? ऑलराउंडर के रूप में वे दोनों विभागों—बल्लेबाजी और गेंदबाज़ी—में योगदान कर सकते हैं, लेकिन विशेष रूप से बायां हाथ तेज-मीडियम गेंदबाज़ (Left-arm Fast-Medium) हैं। घरेलू फर्स्ट-क्लास में शतकीय पारी (120) ने उनकी बल्लेबाजी क्षमता भी दिखाई। T20 और IPL में गेंदबाज़ी में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन (औसत ≈25) है, हालांकि IPL मुकाबलों की संख्या अभी कम है जिससे आंकड़ों में उतार-चढ़ाव संभव है। IPL में अभी तक सीमित अवसर मिले हैं, फिलहाल शुरुआती प्रदर्शन में औसत रूचि दिखाई देती है—पर IPL करियर को अभी लंबा चलने की संभावना है। किस प्रकार के खिलाड़ी हैं अर्जुन?

    • मैच: 17

    • रन: 532; औसत: 23.13; सबसे बड़ा स्कोर: 120 (1 शतक, 2 अर्धशतक)

    • गेंदबाज़ी: 2,243 गेंदें; 37 विकेट; औसत: 33.51; सर्वश्रेष्ठ आंकड़े: 5/25 (1 पाँच विकेट), एक 10-विकेट हैट्रिक नहीं Wikipedia

    List A (LA)

    • मैच: 18

    • रन: 102; औसत: 17.00; सबसे बड़ा स्कोर: 26

    • गेंदबाज़ी: 876 गेंदें; 25 विकेट; औसत: 31.32; सर्वश्रेष्ठ: 4/30 WikipediaCricket.com

    T20

    • मैच: 24

    • रन: 119; औसत: 13.22; सबसे बड़ा स्कोर: 47

  • दर्द हुआ गायब – जानिए रूट क्योर फिजियोथेरेपी क्लिनिक की खासियत ( झोटवाड़ा जयपुर )

    डॉ. श्यामानंद सिंह सभी प्रकार के इलाज जैसे

     

      • गर्दन में दर्द

      • कंधे का दर्द

      • कोहनी का दर्द

      • कमर दर्द

      • घुटनों में दर्द

      • एडी का दर्द

      • नस का दबना

      • सर्वाइकल

      • स्लिप डिस्क

      • जोड़ों में दर्द

      • गठिया

      • सायटिका दर्द

      • लकवा

      • चेहरे पर लकवा आना (फेशियल पॉलिसी )

      • माइग्रेन

      • पार्किंसन (अंगों का कांपना)

      • खेल की चोट

      • बच्चों में विकार (सीपी चाइल्ड)

      • लिगामेंट की चोट

      • खेल संबंधी चोट व मोच

      • मांसपेशियों का दर्द

      • फ्रैक्चर व फ्रैक्चर के बाद की समस्याएं

    डॉ. श्यामानंद सिंह सबसे पहले उन पेसेंट का बिमारी कीतना पुराना है दर्द हुआ गायब रूट क्योर फिजियोथेरेपी क्लिनिक की खासियत और उस पेसेंट को क्या-क्या समस्या है उसके बाद टीटमेंट किया जाता है एच डॉ श्यामानंद सिंह का यह प्रयास रहता है कि काम से कम समय में पेसेंट सही हो सके और पेसेंट स्वस्थ होकर अपना जीवन यापन कर सके

    डॉ. श्यामानंद सिंह जी द्वारा किए गए   75 वर्ष से जादा उम्र के मरिजों का इलाज किया गया ओम प्रकाश शर्मा जी  स्वस्थ है और अपना जीवन खुशी मय जीवन का आनंद ले पा रहे हैं यह सब डॉ. श्यामानंद सिंह जी के प्रयास से हो गया है

    अनुभव

    डॉ. श्यामानंद सिंह जी को इस फील्ड में 7 से 8 वर्षों का अनुभव है  

    युवा फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. श्यामानंद सिंह के अनुसार, फिजियोथेरेपी से बचाया जा सकता है बड़े ऑपरेशन होने से,  फिजियोथेरेपी को नज़रअंदाज़ करना भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और बड़े ऑपरेशनों का कारण बन सकता है। उनका मानना है कि फिजियोथेरेपी एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपचार पद्धति है , जो कई स्थितियों में ऑपरेशन से बचा सकती है और खासकर लकवा जैसी बीमारियों में तो यह किसी रामबाण से कम नहीं है।

    डॉ. श्यामानंद सिंह बताते हैं कि लकवा (Paralysis) के इलाज में फिजियोथेरेपी अत्यंत कारगर है। मेडिकल साइंस में अभी तक लकवे के लिए कोई ऐसी एलोपैथिक दवा उपलब्ध नहीं है जो इसे पूरी तरह ठीक कर सके। ऐसे में, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को फिर से सक्रिय करने के लिए फिजियोथेरेपी ही सबसे प्रभावी तरीका है।

    इन स्थितियों में फिजियोथेरेपी है बेहद फ़ायदेमंद

    डॉ. सिंह के अनुसार, कई सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में फिजियोथेरेपी का सहारा लेना चाहिए:

     चोट लगने पर : अगर आपका पैर मुड़ गया हो या कोई अन्य चोट लगी हो, तो फिजियोथेरेपी मांसपेशियों को ठीक करने और दर्द को कम करने में मदद करती है।

     पुराना दर्द : कमर, घुटने या कंधे का दर्द, जो लंबे समय से बना हुआ है, उसे फिजियोथेरेपी से ठीक किया जा सकता है।

     ऑपरेशन के बाद : किसी भी बड़े ऑपरेशन के बाद : मरीज़ की रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी बहुत ज़रूरी होती है ताकि शरीर की पुरानी कार्यक्षमता वापस लाई जा सके।

    डॉ. सिंह इस बात पर जोर देते हैं कि फिजियोथेरेपी हमेशा किसी योग्य डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए।

    आधुनिक मेडिकल साइंस में फिजियोथेरेपी ने एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। अब यह सिर्फ़ व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें लेज़र थेरेपी, अल्ट्रासाउंड और इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन जैसी उन्नत तकनीकें भी शामिल हैं। इन तकनीकों का उपयोग दर्द को कम करने, ऊतकों की मरम्मत करने और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है

    पता है कलवार रोड गुप्ता मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के पास झोटवाड़ा जयपुर

    Phone No. 7742760040 , 8764889122

    दर्द हुआ गायब – जानिए रूट क्योर फिजियोथेरेपी क्लिनिक की खासियत

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