
डॉ. श्यामानंद सिंह सभी प्रकार के इलाज जैसे
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- गर्दन में दर्द
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- कंधे का दर्द
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- कोहनी का दर्द
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- कमर दर्द
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- घुटनों में दर्द
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- एडी का दर्द
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- नस का दबना
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- सर्वाइकल
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- स्लिप डिस्क
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- जोड़ों में दर्द
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- गठिया
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- सायटिका दर्द
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- लकवा
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- चेहरे पर लकवा आना (फेशियल पॉलिसी )
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- माइग्रेन
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- पार्किंसन (अंगों का कांपना)
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- खेल की चोट
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- बच्चों में विकार (सीपी चाइल्ड)
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- लिगामेंट की चोट
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- खेल संबंधी चोट व मोच
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- मांसपेशियों का दर्द
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- फ्रैक्चर व फ्रैक्चर के बाद की समस्याएं

डॉ. श्यामानंद सिंह सबसे पहले उन पेसेंट का बिमारी कीतना पुराना है दर्द हुआ गायब रूट क्योर फिजियोथेरेपी क्लिनिक की खासियत और उस पेसेंट को क्या-क्या समस्या है उसके बाद टीटमेंट किया जाता है एच डॉ श्यामानंद सिंह का यह प्रयास रहता है कि काम से कम समय में पेसेंट सही हो सके और पेसेंट स्वस्थ होकर अपना जीवन यापन कर सके
डॉ. श्यामानंद सिंह जी द्वारा किए गए 75 वर्ष से जादा उम्र के मरिजों का इलाज किया गया ओम प्रकाश शर्मा जी स्वस्थ है और अपना जीवन खुशी मय जीवन का आनंद ले पा रहे हैं यह सब डॉ. श्यामानंद सिंह जी के प्रयास से हो गया है
अनुभव


डॉ. श्यामानंद सिंह जी को इस फील्ड में 7 से 8 वर्षों का अनुभव है
युवा फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. श्यामानंद सिंह के अनुसार, फिजियोथेरेपी से बचाया जा सकता है बड़े ऑपरेशन होने से, फिजियोथेरेपी को नज़रअंदाज़ करना भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं और बड़े ऑपरेशनों का कारण बन सकता है। उनका मानना है कि फिजियोथेरेपी एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपचार पद्धति है , जो कई स्थितियों में ऑपरेशन से बचा सकती है और खासकर लकवा जैसी बीमारियों में तो यह किसी रामबाण से कम नहीं है।
डॉ. श्यामानंद सिंह बताते हैं कि लकवा (Paralysis) के इलाज में फिजियोथेरेपी अत्यंत कारगर है। मेडिकल साइंस में अभी तक लकवे के लिए कोई ऐसी एलोपैथिक दवा उपलब्ध नहीं है जो इसे पूरी तरह ठीक कर सके। ऐसे में, मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को फिर से सक्रिय करने के लिए फिजियोथेरेपी ही सबसे प्रभावी तरीका है।
इन स्थितियों में फिजियोथेरेपी है बेहद फ़ायदेमंद
डॉ. सिंह के अनुसार, कई सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं में फिजियोथेरेपी का सहारा लेना चाहिए:
चोट लगने पर : अगर आपका पैर मुड़ गया हो या कोई अन्य चोट लगी हो, तो फिजियोथेरेपी मांसपेशियों को ठीक करने और दर्द को कम करने में मदद करती है।
पुराना दर्द : कमर, घुटने या कंधे का दर्द, जो लंबे समय से बना हुआ है, उसे फिजियोथेरेपी से ठीक किया जा सकता है।
ऑपरेशन के बाद : किसी भी बड़े ऑपरेशन के बाद : मरीज़ की रिकवरी के लिए फिजियोथेरेपी बहुत ज़रूरी होती है ताकि शरीर की पुरानी कार्यक्षमता वापस लाई जा सके।
डॉ. सिंह इस बात पर जोर देते हैं कि फिजियोथेरेपी हमेशा किसी योग्य डॉक्टर की सलाह पर ही लेनी चाहिए।
आधुनिक मेडिकल साइंस में फिजियोथेरेपी ने एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। अब यह सिर्फ़ व्यायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें लेज़र थेरेपी, अल्ट्रासाउंड और इलेक्ट्रिकल स्टिमुलेशन जैसी उन्नत तकनीकें भी शामिल हैं। इन तकनीकों का उपयोग दर्द को कम करने, ऊतकों की मरम्मत करने और मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए किया जाता है
पता है कलवार रोड गुप्ता मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के पास झोटवाड़ा जयपुर
Phone No. 7742760040 , 8764889122
दर्द हुआ गायब – जानिए रूट क्योर फिजियोथेरेपी क्लिनिक की खासियत
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