मोनोरेल एक प्रकार की शहरी जीवन परिवहन (Urban Transport) प्रणाली है, जिसमें ट्रेन एक पटरी पर चलती है।
यह आमतौर पर ऊँचाई पर बने ट्रैक या कभी-कभी जमीन पर या जमीन के अंदर बने ट्रैक पर चलती है।
मुख्य विशेषताएँ:
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एक ही पटरी पर चलती है – सामान्य ट्रेनों की तरह दो पटरियों की ज़रूरत नहीं होती।
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ज्यादातर Elevated होती है – ताकि ज़मीन पर ट्रैफ़िक बाधित न हो।
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शहरों में उपयोगी – खासकर भीड़-भाड़ वाले महानगरों में।
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कम जगह लेती है – चौड़े मेट्रो ट्रैक की बजाय छोटे ट्रैक पर काम करती है।
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इको-फ्रेंडली – बिजली से चलती है, प्रदूषण कम होता है।
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यात्रा तेज़ और आरामदायक – सामान्य बस या ऑटो की तुलना में तेज़।
मोनोरेल के फायदे:
• ट्रैफ़िक जाम की समस्या से छुटकारा ।
• ज़मीन पर कम जगह लेती है।
• शोर और प्रदूषण कम होता है।
• मोनोरेल टूरिस्ट आकर्षण के रूप में होता है।
भारत में मोनोरेल:
• भारत में पहली मोनोरेल 01 फरवरी 2014 को मुंबई में शुरू हुई।
• इसका रूट चेंबूर से वडाला डिपो (8.9 किमी) तक था। और फिर
वाडाला से संत गाडगे महाराज चौक तक है।
• इसकी कुल लंबाई 20.5 किमी है।
मोनोरेल क्या है?
एक ऐसी रेल परिवहन सेवा है एक ही पटरी पर चलती है। इसमें दो पटरियाँ नहीं होतीं, बल्कि पूरा ट्रेन का ढाँचा एक ही बीम या पटरी पर चलता है।
ज्यादातर ऊँचाई पर बनाए जाते हैं, ताकि नीचे का ज़मीनी ट्रैफ़िक से प्रभावित न हो। भीड़ भाड़ से बचा जा सके, पैदल चलने वालो को भीड़ भाड़ से राहत मील सके।
इतिहास
मोनोरेल का प्रारंभिक प्रयोग 1820 के दशक में यूरोप में हुआ था। शुरुआती समय में यह छोटे-छोटे मालवाहक और यातायात साधन के रूप में इस्तेमाल होती थी।
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- धीरे-धीरे जापान, चीन, अमेरिका, कोरिया और भारत जैसे देशों ने इसे अपनाया।
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- आज के समय में जापान (Tokyo Monorail) और चीन (Chongqing Monorail) दुनिया की सबसे लंबी और सफल मोनोरेल प्रणालियाँ हैं।
मुख्य विशेषताएँ
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- एक ही पटरी पर चलती है – पारंपरिक ट्रेन और मेट्रो से अलग।
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- ज्यादातर Elevated System – ताकि ज़मीन पर ट्रैफ़िक जाम न हो।
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- इलेक्ट्रिक सिस्टम – जिससे प्रदूषण नहीं होता।
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- कम जगह में निर्माण – चौड़े मेट्रो ट्रैक की तुलना में बहुत कम जगह लेती है।
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- आरामदायक और तेज़ यात्रा – भीड़ से दूर और सुविधाजनक।
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- कम शोर – रबर टायर और इलेक्ट्रिक इंजन की वजह से।
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- पर्यावरण के अनुकूल – ईंधन की खपत नहीं, धुआँ नहीं।
मोनोरेल का भविष्य
शहरी जीवन को और भी तेज़ रफ़्तार देने का काम करती है धीरे -धीरे मोनोरेल की उपयोगिता और बढ़ेगी।
• छोटे और भीड़-भाड़ वाले शहरों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है।
• पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने में मदद है ।
• भारत देशों में यह भविष्य में सस्ती औरसुविधा ट्रांसपोर्ट प्रणाली बन सकती है।

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