जसविंदर भल्ला की मृत्यु : पंजाबी सिनेमा में गुमनाम हुए
पंजाबी सिनेमा के जसविंदर भल्ला हास्य कलाकार जसविंदर भल्ला का नाम सुनते ही लोगो के चेहरे पे मुसकान ओर खुशी आ जाती है। वह अपनी करियर में वह बहुत नाम कमाया , वह कॉमेडी से लोगो को हँसा हँसा के लोटपोट कर देते थे । 22 अगस्त 2025 को एक खबर सुनते ही पंजम और फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर दौड़ गई।
बीमारी के आख़िरी दिन
जसविंदर भल्ला कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे ,उन्हें ब्रेन स्ट्रोक (मस्तिष्काघात) की समस्या हुई, आनन् फानन में उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने उनकी समस्या को देखते हुए उन्हें वेंटिलेटर और कार्डियो-सपोर्टिव दवाओं पर रखा। न्यूरोसर्जरी टीम के देखा रेख में थे , ICU (गहन चिकित्सा कक्ष) में रखा गया था। डॉक्टरों की पूरी कोशिशों के बावजूद भी डॉकटर उन्हें बचा नहीं पाये और उनकी 22 अगस्त 2025 की सुबह लगभग 4:35 AM बजे अस्पताल में निधन हो गया है। वे उस समय 65 वर्ष के थे।

जसविंदर भल्ला : पंजाबी हास्य का चमकता सितारा थे
भारतीय सिनेमा की दुनिया में पंजाबी कलाकार का एक अलग ही स्थान है जब जब कॉमेडी फिल्म की बात होती थी तो जसविंदर भल्ला का नाम सबसे पहले आता है।
जीवन और शिक्षा
जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को पंजाब के लुधियाना जिले के एक छोटे से गाँव (बलोके) में हुआ। उनके पिता का नाम मास्टर बहादुर सिंह भल्ला था वह एक शिक्षक थे , वह किसान परिवार से आते थे जसविंदर बेहद होशियार और सभी से मील जुल के रहते थे उन्होने अपनी शिक्षा गांव से शुरू की फिर फिर लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से B.Sc Agriculture की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने Punjab Agricultural University (PAU), लुधियाना से M.Sc और Ph.D (Plant Breeding) पूरी की।पढ़ाई के दौरान ही वे मंच पर हास्य , जोक्स, चुटकुले में भाग लेने लगे , धिरे धिरे उनकी लोकप्रियता बढ़ती चली गही , और आम जनता उने पसंद करने लगे । जसविंदर भल्ला अपनी कैरियर की शुरुवात 1980 में किये ,उन्होंने यूनिवर्सिटी स्तर पर हास्य-प्रस्तुतियाँ देनी शुरू कीं , लोकप्रियता बढ़ती चली गही उने रेडियो और टीवी कार्यक्रमों में भी बुलाया जाने लगा।

पंजाबी फिल्मों
अपनी फिल्म में समाज की छोटी-छोटी कमियों को बहुत ही हास्यास्पद अंदाज में पेश करते थे। अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 1988 में पंजाबी फिल्म “दुःख भंजनी तेरा नाम” से की । असली पहचान कॉमेडी रोल्स से मिली।
उन्होंने 70 से ज्यादा पंजाबी फिल्मों में काम किया है, जिनमें कई सुपरहिट रही हैं –
- कैरी ऑन जट्टा (2012)
- कैरी ऑन जट्टा 2 (2018)
- व्यार तो प्यार (2001)
- मेल करा दे रब्बा (2010)
- पावर कट (2012) (जसपाल भट्टी के साथ)
- भाजी इन प्रॉब्लम (2013)
- लक्की दी अनलकी स्टोरी (2013)
- जट्ट एंड जूलियट (2012, 2013)
- वड्ढा नंबर 1 (2010)
इन फिल्मों में उनके हास्यपद किरदार और संवाद आज भी दर्शकों की जुबान पर हैं।
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